ऐ मालिक तेरे बन्दे हम / कभी घूल के मिलना, कभी खुद झिझकना कभी रास्तों पर बहकना, मचलना ये पलकों की चिलमन उठाकर गिराना गिराकर उठाना, गजब हो गया.